हरमन कौर एक पढ़ी-लिखी लड़की हैं. लेकिन लोगों ने इनका मजाक बनाया क्योंकि इनकी दाढ़ी-मूंछ थी. पहले हरमन डिप्रेशन में आईं पर अब बाद में वो अपने लुक को लेकर कॉन्फिडेंट हो गईं. अब वो फोटोशूट भी करती हैं.
पर औरतों को दाढ़ी-मूंछ क्यों निकल आती है?
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) एक खतरनाक हार्मोनल डिसऑर्डर है जो औरतों के रिप्रोडक्टिव सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है. ओवरी को कमजोर बना देता है. ओवरी से अंडे निकलते हैं जो स्पर्म के साथ मिलकर भ्रूण बनाते हैं. लेकिन जब ओवरी से अंडे नहीं निकल रहे होते हैं तो उस पर सिस्ट बन जाता है. इनके अंदर एक लिक्विड होता है. ये सिस्ट एंड्रोजेन नाम का एक हॉर्मोन पैदा करते हैं. जो कि पीसीओएस के लिए जिम्मेदार है.
पीसीओएस स्टडी के मुताबिक,
हर 10 में एक औरत को ये सिंड्रोम होता है. इन 10 में से 6 टीनएज लड़कियां होती हैं.
एम्स के डिपार्टमेंट ऑफ एंडोक्रॉइनॉल्जी एंड मेटाबॉलिज्म की स्टडी के मुताबिक,
बच्चा पैदा करने की उम्र वाली 20 से 25 % औरतों में पीसीओएस के लक्षण पाए गए. पीसीओएस झेल रही 60% औरतें मोटापे का शिकार हैं और 30 से 40 % औरतें फैटी लिवर से पीड़ित हैं. 70 % औरतों का ब्लड शुगर बढ़ा हुआ है. 60 से 70 % में एस्ट्रोजन का स्तर ज्यादा है.
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने देश भर में पीसीओएस को लेकर सर्वे कराया. जिसमें पाया गया कि ये समस्या औरतों में और बढ़ रही है.
इसकी वजह से क्या होता है?
पीसीओएस से गुजर रही औरतों में इंसुलिन का लेवल बढ़ जाता है. इंसुलिन पैन्क्रियाज से निकलने वाला एक हार्मोन है. ये शरीर में मौजूद शुगर को एनर्जी में कन्वर्ट करने में मदद करता है.
आमतौर पर इससे एक औरत के शरीर में पुरुषों जैसे हार्मोन्स बढ़ जाते हैं. इसकी वजह से छाती, पीठ, चेहरे पर ज्यादा बाल उग आते हैं. बांझपन हो जाता है. एक्ने हो जाता है. बाल झड़ने लगते हैं. पीरियड्स पर ज्यादा ब्लीडिंग होना या पीरियड्स न होना, मूड स्विंग होना भी इसकी वजह से होते हैं.
इसके ज्यादा बढ़ जाने से टाइप 2 का डायबिटीज हो सकता है, मोटापा बढ़ सकता है, नींद आने में दिक्कत हो सकती है, दिल की बीमारियां होने लगती हैं. यहां तक कि यूट्रस में कैंसर तक हो सकता है.
क्या इसका कोई इलाज है?
इस सिंड्रोम का पूरी तरह से कोई इलाज तो नहीं है लेकिन सही खाने और प्रॉपर एक्सरसाइज से इसे मैनेज किया जा सकता है.
सही डाइट से पीसीओएस को कंट्रोल किया जा सकता है. लोगों को हाई-फाइबर और ज्यादा प्रोटीन वाली चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. लेकिन डेयरी प्रोडक्ट्स से बचना चाहिए. लो जीआई फल और सब्जियां खाएं. लो जीआई मतलब जिनमें कार्बोहाइड्रेट कम होता है. लो जीआई वाले फल हैं- अंगूर, नाशपाती, कीवी, प्लम, संतरे.ओमेगा-3 और ओमेगा-6 जैसे फैटी एसिड का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए. मिनरल्स से भरपूर हरी सब्जियों को अपने डेली के खाने में शामिल कर लीजिए. खासकर मैग्नीशियम-रिच सब्जियां.
कुछ खास चीजें हैं जिनको न करके पीसीओएस के प्रभाव को कम किया जा सकता है. कैफीन को कम से कम कंज्यूम करना चाहिए. चॉकलेट और कॉफी का कम प्रयोग इसमें मदद कर सकता है.
खूब सारी एक्सरसाइज कीजिए, तमीज का खाना खाइए. खूब पानी पीजिए, चिल रहिए. पीसीओएस का असर कम रहेगा.
सौजन्य - www.thelallantop.com
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